रविवार, 12 मार्च 2017

छोभ

                                                 मेरी डायरी
तुम जो मुझ से रूठ गए तो टूट गए ये सपने।
अब तो ये आँसू ही मेरे है अपने ।।
                तुम को क्या मै पा भी सकूंगा जीवन मे 
                प्राय: प्रश्न ये उठता है मेरे मन मे।।
हँसते हुए सदा देखा मुझ को तुम ने
पर ना देखा रोया कितना तेरे गम मे।।
                 समझ सकी ना तुम जो पीडा है मन मे
                   अब तो छोभ सा रहता है मेरे दिल मे ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें