छोभ
मेरी डायरी
तुम जो मुझ से रूठ गए तो टूट गए ये सपने।
अब तो ये आँसू ही मेरे है अपने ।।
तुम को क्या मै पा भी सकूंगा जीवन मे
प्राय: प्रश्न ये उठता है मेरे मन मे।।
हँसते हुए सदा देखा मुझ को तुम ने
पर ना देखा रोया कितना तेरे गम मे।।
समझ सकी ना तुम जो पीडा है मन मे
अब तो छोभ सा रहता है मेरे दिल मे ।।
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