मेरी डायरी (10/01/2005)
चांद सितारो से भी सुन्दर मेरी मधुबाला का बाला।
जिस दिल पर चमकेे बन बिजली
उस का फिर ईश्वर रखवाला ।
काले बादल से भी काले
कजरारे नयन मतवाले।
जिस पर वह बादल बन बरसे
जीवन भर बिन पानी तरसे।
मधु से मधुर ,मधुर से मधुरम
ऐसी है वह सुन्दर बाला ।
ईश्वर की वह श्रेष्ठ है रचना
प्रकृति ने है उसे निखारा ।
उस बाला के ह्रदय मे सिमटा
मेरी आशाओ का अम्बर सारा ।
कहने को कुछ शेष नही है
क्यो हू मै अपना दिल हारा ।
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