मेरी डायरी 2004
तुम एक लक्ष्य जो पा न सका
मै अपनी कसम निभा न सका।
चाहा तुम्हे बहुत फिर भी
जाने क्यो तुम को पा न सका ।।
चाहा नही इस राह पर चलना
पर इस दिल को समझा न सका ।
शायद कुछ भूल हुई मुझ से
तेरे दिल मे जो प्यार जगा न सका ।।
तुम को पाने के जुनून मे
मै खुद को भी पा न सका ।
कुछ तो भूल हुई मुझ से
तुझ से नजरो भी मिला न सका ।।
चाहा अतीत से बचना
पर खुद को कभी बचा न सका।
चाहा जब भी तुझे भूलना
उन यादो को मै भुला न सका ।।
तुम एक लक्ष्य जो पा न सका
मै अपनी कसम निभा न सका।
चाहा तुम्हे बहुत फिर भी
जाने क्यो तुम को पा न सका ।।
चाहा नही इस राह पर चलना
पर इस दिल को समझा न सका ।
शायद कुछ भूल हुई मुझ से
तेरे दिल मे जो प्यार जगा न सका ।।
तुम को पाने के जुनून मे
मै खुद को भी पा न सका ।
कुछ तो भूल हुई मुझ से
तुझ से नजरो भी मिला न सका ।।
चाहा अतीत से बचना
पर खुद को कभी बचा न सका।
चाहा जब भी तुझे भूलना
उन यादो को मै भुला न सका ।।
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