अजब मानसिक द्वन्द है यह
निरन्तर लड़ता जाता हूं।
जितना रुकने की कोशिश करता हूं
उतना ही बढ़ता जाता हूं।
खुद से हुआ मजबूर हूं मैं
यादों के मंजर जब सामने आते हैं
दिल कहता है कुछ धीरे से
कदम उधर बढ़ जाते हैं
ना जाने क्यों ऐसा करता हूं
क्यो मैं इतना मजबूर हूं
कभी उस की खुशी बन ना पाया
परेशानी का सबब जरूर हूं।
अब तो मैं एक साहिल हूं।
इश्क में हुआ बेचारा हूं
उस की नजरों में तो मैं
सिर्फ एक आवारा हूं
होगी बहुत नफरत जिस से
शायद वो नाम मेरा होगा
पर उस को कहां है इस की परवाह
ऐसे में क्या अंजाम मेरा होगा ।
तेरी नफरत ही मेरी किस्मत है
शायद इसी के लायक हूं मैं
मेरा जिक्र भी अब नगवांरा है
अब तो सिर्फ कष्टदायक हूं मैं
छोड़ रहा हूं उन राहों को
जिन पर तेरे लिए सजदे किये
जा रहा हूं तेरे जीवन से
कभी लौट कर ना आने के लिए
कभी अपने लिए न रोया मै
पर दिल इस बात पर रो दिया
उस को ये पता भी नहीं
क्या उस ने है खो दिया ।
निरन्तर लड़ता जाता हूं।
जितना रुकने की कोशिश करता हूं
उतना ही बढ़ता जाता हूं।
खुद से हुआ मजबूर हूं मैं
यादों के मंजर जब सामने आते हैं
दिल कहता है कुछ धीरे से
कदम उधर बढ़ जाते हैं
ना जाने क्यों ऐसा करता हूं
क्यो मैं इतना मजबूर हूं
कभी उस की खुशी बन ना पाया
परेशानी का सबब जरूर हूं।
अब तो मैं एक साहिल हूं।
इश्क में हुआ बेचारा हूं
उस की नजरों में तो मैं
सिर्फ एक आवारा हूं
होगी बहुत नफरत जिस से
शायद वो नाम मेरा होगा
पर उस को कहां है इस की परवाह
ऐसे में क्या अंजाम मेरा होगा ।
तेरी नफरत ही मेरी किस्मत है
शायद इसी के लायक हूं मैं
मेरा जिक्र भी अब नगवांरा है
अब तो सिर्फ कष्टदायक हूं मैं
छोड़ रहा हूं उन राहों को
जिन पर तेरे लिए सजदे किये
जा रहा हूं तेरे जीवन से
कभी लौट कर ना आने के लिए
कभी अपने लिए न रोया मै
पर दिल इस बात पर रो दिया
उस को ये पता भी नहीं
क्या उस ने है खो दिया ।
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