पहचान
मेरी डायरी
कौन हूं मै ना जानता
मुझे अपना कोई ना मानता।
ना कोई मंजिल ना कोई रास्ता
मै अपनी पहचान तलाशता।
मै हू अपनो से बेगाना
मेरी ना कोई दाँसता ।
मै खुद मे हूं एक पहेली
जिसे ना कोई जानता ।
मै लावारिस ना किसी का साया
फिर किस का मुझे वास्ता ।
रिश्तो की ना दो अब दुहाई
मै खुद अपने को ना जानता ।
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